Sunday, October 24, 2010

जगदीश कश्यप की लघुकथाएं: आखिरी खंबा

जगदीश कश्यप की लघुकथाएं: आखिरी खंबा: "शहर के अंतिम सिरे पर लगे बिजली के खंभे ने एक सुनसान रात को नगर के फैशनेबल इलाके में स्थित खंभे से तार के माध्यम से पूछा— ‘कहो यार, कुछ तो स..."

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